सारे जहाँ से अच्छा हिन्दास्ताँ हमारा सारे जहाँ से अच्छा हिन्दास्ताँ हमारा ना मै आशिक हूँ ,ना वास्ता हमारा हम देश के सैनिक ही अच्छे हैं। मुबारक हो तुम्हे , रास्ता तुम्हारा ॥ सारे जहाँ से अच्छा हिन्दास्ताँ हमारा आम सी जिन्दगी में ,खास दास्ताँ हमारा मेरे जगने से मेरी 'सुबह ' होती है और सूरज वाली 'सुबह' मे आस्था तुम्हारा ॥ सारे जहाँ से अच्छा हिन्दास्ताँ हमारा राह खुद तकती (देखती) रास्ता हमारा तेरी माशूका वाली सूखा गुलाब नही हमारे कदमो मे होती गुलिस्ताँ हमारा ॥ सारे जहाँ से अच्छा हिन्दास्ताँ हमारा मोहब्बत मे तेरे, होता गमो का किनारा जिसके लिए पुरी जिन्दगी खपाते (न्योछावर) वो कफन मे होता, "तिरंगा" हमारा ॥ सारे जहाँ से अच्छा हिन्दास्ताँ हमारा ना मैं आशिक हूॅ, ना वास्ता हमारा हम देश के सैनिक ही अच्छे हैं। मुबारक हो तुम्हे , रास्ता तुम्हारा ॥ ©Mahesh sharma # देश के सैनिको का देश प्रेम (कविता)