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दिनेश कुमार पाण्डेय... माँ ... हूं दूर.. तू है अके

दिनेश कुमार पाण्डेय... माँ ... हूं दूर.. तू है अकेली..
था बच्चा सिने से लगा रखती थी
मेरे गीले किए बिछोनों पर
ना जानें तूने रातें कितनी.. 
जाग कर ही गवांई थी..

मेरी हर तकलीफ़ को जीती थी तू माँ 
जानता हूं.. उस दौर का साक्षी रहा हूं मैं..
दिनेश कुमार पाण्डेय... माँ ... हूं दूर.. तू है अकेली..
था बच्चा सिने से लगा रखती थी
मेरे गीले किए बिछोनों पर
ना जानें तूने रातें कितनी.. 
जाग कर ही गवांई थी..

मेरी हर तकलीफ़ को जीती थी तू माँ 
जानता हूं.. उस दौर का साक्षी रहा हूं मैं..

माँ ... हूं दूर.. तू है अकेली.. था बच्चा सिने से लगा रखती थी मेरे गीले किए बिछोनों पर ना जानें तूने रातें कितनी.. जाग कर ही गवांई थी.. मेरी हर तकलीफ़ को जीती थी तू माँ जानता हूं.. उस दौर का साक्षी रहा हूं मैं.. #दिनेशपांडेय