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जिंदगी न जाने कितने लिबास बदलती है। कच्ची राहों से

जिंदगी न जाने कितने लिबास बदलती है।
कच्ची राहों से निकाल कर,
करती है राज महलो पर।
कभी नाचती है कोठों पर,
  सड़कों पर रियाज करती है।
जिंदगी न जाने कितने लिबास बदलती है।

©Suneel Nohara
  चाँदनी कृष्णा वाघमारे, जालना , महाराष्ट्र,431211 Riya Soni Shivani Prajapati Anshu writer