तू सिगरेट सा है, और राख की निशानी हूँ मैं, काँच की बोतल में बन्द नशा है तू, और बर्बाद हुई कोई जवानी हूँ मैं... किसी हसीन रेत के साहिल सा तू, और सैराब-ए-दरिया का पानी हूँ मैं... शहर के हर मयखाने से वाक़िफ़ है तू, और, मैकशी में गुजरी हुई शाम की कहानी हूँ मैं.... #शराबी_शायर #alcoholicpoet #nojotoagra