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बुझे हुए चिराग जल उठे हैं।

बुझे हुए चिराग जल उठे हैं।                             उम्मीदों के सहारे जी उठे हैं।                             बहने दो यह गंगा प्रीत की मुंतज़िर।                 क्योंकि हम भी तो अब किनारे लगे हैं।

©joshi joshi diljala Chhathi Maiya sab ki manokamna puri Karen

#chhathpuja
बुझे हुए चिराग जल उठे हैं।                             उम्मीदों के सहारे जी उठे हैं।                             बहने दो यह गंगा प्रीत की मुंतज़िर।                 क्योंकि हम भी तो अब किनारे लगे हैं।

©joshi joshi diljala Chhathi Maiya sab ki manokamna puri Karen

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