राधिका छन्द १३,९ , की यति पर चरणान्त 22 यति पश्चात त्रिकल , होता क्या संबंध है , जगत में जाना । रिश्तों को बाँधें यहाँ , स्वार्थ का दाना ।। इससे उठकर जो यहाँ , कार्य हैं करते । प्रभु उनके ही निज धाम , चरण हैं रखते ।। ०२/०८/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR राधिका छन्द १३,९ , की यति पर चरणान्त 22 यति पश्चात त्रिकल , होता क्या संबंध है , जगत में जाना । रिश्तों को बाँधें यहाँ , स्वार्थ का दाना ।। इससे उठकर जो यहाँ , कार्य हैं करते । प्रभु उनके ही निज धाम , चरण हैं रखते ।।