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ये कमबख्त कलम भी कमाल करती है। सरेआम दिल का हाल लि

ये कमबख्त कलम भी कमाल करती है।
सरेआम दिल का हाल लिखती है।

जिसे लिखने को दुनिया कहती है।
उसे छोड़ दिल के कर्जदारों का नाम लिखती है।

कितना भी छुपा लो दिल के एहसासों को।
जर्रा जर्रा आंखों का हाल लिखती है।

कितनी बार सोचा उसे निकाल फेंकूं ज़ेहन से।
अगले पल कमबख्त कलम उसका नाम लिखती है।

जब जब सम्भलता हूँ मै अपने बिखरे हुए इश्क़ को।
उलझे हुए जज़्बातों को एक साथ लिखती है।

दिल करता है उड़ा दूँ हर परिंदा इस जहां से।
कम्बख्त कलम मेरी ये नादानी मेरी हर बार लिखती है।

©पूर्वार्थ #जिंदगी
#नादानियां 
#नोजोटो_हिंदी
ये कमबख्त कलम भी कमाल करती है।
सरेआम दिल का हाल लिखती है।

जिसे लिखने को दुनिया कहती है।
उसे छोड़ दिल के कर्जदारों का नाम लिखती है।

कितना भी छुपा लो दिल के एहसासों को।
जर्रा जर्रा आंखों का हाल लिखती है।

कितनी बार सोचा उसे निकाल फेंकूं ज़ेहन से।
अगले पल कमबख्त कलम उसका नाम लिखती है।

जब जब सम्भलता हूँ मै अपने बिखरे हुए इश्क़ को।
उलझे हुए जज़्बातों को एक साथ लिखती है।

दिल करता है उड़ा दूँ हर परिंदा इस जहां से।
कम्बख्त कलम मेरी ये नादानी मेरी हर बार लिखती है।

©पूर्वार्थ #जिंदगी
#नादानियां 
#नोजोटो_हिंदी