Nojoto: Largest Storytelling Platform

1. कबीर गरब न किजीयै रंक न हंसिए कोए।। अजे सो नाओ

1. कबीर गरब न किजीयै रंक न हंसिए कोए।। अजे सो नाओ समुद्र मैं क्या जानो क्या होए।।

अर्थ:- हे मन रूपी कबीर कभी अपने ऊपर हंकार न करो न ही किसी गरीब पर हंसो क्योंकि अभी हमारी खुद की नाव भी भवसागर यानी त्रे गुण में है क्या जाने कब परमात्मा कौन सा खेल कर दे।।

2. सूरत शब्द भवसागर तरियै नानक नाम वखाने।।

अर्थ:- संतो द्वारा बताई हुई विधि से सुरति से प्रकाश को ध्याने से भवसागर तरा जा सकता है।। ऐसा नाम संत जन अपने मुख से वखान यानी भाख्या करते हैं।।

3. संत जना सुने शुभ बचन सर्ब व्यापी राम संग रचन।।

अर्थ:- संत जन द्वारा नाम की विधि के व्यख्यान के शुभ वचन सुने तोह मन सर्ब व्यापी राम यानी प्रकाश संग रचना यानी रमना शूरु हो गया।।

©Biikrmjet Sing #प्रकाश
1. कबीर गरब न किजीयै रंक न हंसिए कोए।। अजे सो नाओ समुद्र मैं क्या जानो क्या होए।।

अर्थ:- हे मन रूपी कबीर कभी अपने ऊपर हंकार न करो न ही किसी गरीब पर हंसो क्योंकि अभी हमारी खुद की नाव भी भवसागर यानी त्रे गुण में है क्या जाने कब परमात्मा कौन सा खेल कर दे।।

2. सूरत शब्द भवसागर तरियै नानक नाम वखाने।।

अर्थ:- संतो द्वारा बताई हुई विधि से सुरति से प्रकाश को ध्याने से भवसागर तरा जा सकता है।। ऐसा नाम संत जन अपने मुख से वखान यानी भाख्या करते हैं।।

3. संत जना सुने शुभ बचन सर्ब व्यापी राम संग रचन।।

अर्थ:- संत जन द्वारा नाम की विधि के व्यख्यान के शुभ वचन सुने तोह मन सर्ब व्यापी राम यानी प्रकाश संग रचना यानी रमना शूरु हो गया।।

©Biikrmjet Sing #प्रकाश