Nojoto: Largest Storytelling Platform

दिल के द्वार दस्तक देकर , उदास उर पर उपकार किया मन

दिल के द्वार दस्तक देकर , उदास उर पर उपकार किया
मन से सब मतभेद मिटाकर , सच्चे साहस से सत्कार किया

इंतजार किया इश्तियाक़ छुपाकर , ना कभी कोई इक़रार किया
ज़हन की जुस्तजू जानकर, मेरा सिसकता सपना साकार किया 

श्रृंगार -रस रचना रचकर, बन अनुरक्त अंगीकार किया
मुझे मन का मीत मानकर, तुमने सुस्थिर सरोकार किया
 #dr_naveen_prajapati#शून्य_से_शून्य_तक
#कवि_कुछ_भी_कलमबद्ध_कर_सकता_है..
दिल के द्वार दस्तक देकर , उदास उर पर उपकार किया
मन से सब मतभेद मिटाकर , सच्चे साहस से सत्कार किया

इंतजार किया इश्तियाक़ छुपाकर , ना कभी कोई इक़रार किया
ज़हन की जुस्तजू जानकर, मेरा सिसकता सपना साकार किया 

श्रृंगार -रस रचना रचकर, बन अनुरक्त अंगीकार किया
मुझे मन का मीत मानकर, तुमने सुस्थिर सरोकार किया
 #dr_naveen_prajapati#शून्य_से_शून्य_तक
#कवि_कुछ_भी_कलमबद्ध_कर_सकता_है..