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न जाने क्यों बेईमान हो रही है, नियत आज मौसम की,

न जाने क्यों बेईमान हो 
रही है, नियत आज मौसम की,

बदले बदले से नज़ारे, जैसे
 पैग़ाम ए मोहब्बत हो किसी का ।

कुछ तो हो रहा है, अंदेशा भी
 दिल को मेरे, क्या ये कुदरत का 

इशारा है ,एक तो दिलकश 
वो,और दिलकश शाम भी है घेरे।

©Anuj Ray
  #दिलकश वो और दिलकश शाम..
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Anuj Ray

Bronze Star
New Creator
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#दिलकश वो और दिलकश शाम.. #शायरी

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