हर किसी से दिल की बात मैं इज़हार नही करती हर किसी के इज़हार पर अब ऐतबार नहीं करती छोड़ जाए जो एक बार फिर उनका दीदार नही करती जो करे कोई अनदेखा तो फिर आंखे चार नही करती जो गौर नही करते उनसे बाते बार बार नही करती जो एक बार की है गलती वो हर बार नही करती फासले करे जो खुद उनका मैं इंतज़ार नही करती सुनती हूं मैं सबकी पर किसीसे इकरार नही करती ज़माने के उसूल बहुत देखें हैं मैं अब असरार नही करती सुकून तलाशती नहीं मैं औरों में बेवजह इज्तिराब नही करती। तोड़ जाएं जो मुझसे उन्हे रिश्तों में गिरिफ्तार नही करती तब्दीर है इसलिए हर किसी पर जां निसार नही करती। ©s i m m i #brokensoul_