तेरी आँखों के नयन द्वीप का जगमग एक सितारा हूँ तू बहती सी एक नदी है मैं सागर का एक किनारा हूँ।।2।। ख़ामोश तेरे हर लफ़्ज को पढ़ता बेवक्त मैं सारा हूँ तू किसी हीर सी अब लगने लगी मैं एक राँझा अवारा हूँ... अब तर्क ए रुसुमात का क्या प्रतीक्षा जिसका करता हूँ तू शीतलता की एक रोशनी सी मैं ज्वलनशील एक सितारा हूँ...2।। मैं सागर का एक किनारा हूँ...2।। तेरी बिखरी हुई उल्फतों को हर वक़्त मैं सँवारा हूँ अब तू डूबती हुई कहानी सी, मैं बचाने वाला पतवारा हूँ। मैं सागर का एक किनारा हूँ।। #saagar