का स्पर्श और अधरों की कप कपकपाहट और वो सर्द रात की गुजारिश गले लगने को बेकरार बदन की ख्वाहिश , पिघलने को चाहे नितम्भ , और वक्षो की प्यास बने बन बन आस , वो स्पर्श अधरों को योनि की आजमाइश... तुम्हारे गर्म हाथों की गर्मी रूह में जमी बर्फ़ को पिघला देती है। #गर्महाथ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #neerajwriteserotica