आप जब राहों से गुजरे, परियों के चेहरें उतरे, उमड़ रही है कहानियाँ, देखकर आपकी नजरे! आप जो ज़रा कहीं ठहरे, मोगरे की खुशुबू बिखरे, मचल रही है मनमानियाँ, देखकर आपके नखरे! आपकी जब हँसी निखरे, टूट जाते है सब पहरे, उफन रही है शैतानियाँ, देखकर सुर्ख़ होंठ गहरे! आप जो लहरियां में लहरे, फिर से सज जाते है सेहरे, उमड़े यादों की रैलियाँ, देखकर आपकी लहरे ! डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि' ©Anand Dadhich #Najare #Love #kaviananddadhich #poetananddadhich #poetsofindia