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Alone शाम ढल गयी और मैं सोचता ही रह गया, मंजिल क

Alone   शाम ढल गयी और मैं सोचता ही रह गया,
मंजिल की तलाश मैं भागता ही रह गया,
कुसूर मेरा इतना था दोस्तों,
सबका जरिया बना आगे जाने का, औऱ खुद के लिए बस, मैं रास्ता ही रह गया।
                                दिनेश जरिया
Alone   शाम ढल गयी और मैं सोचता ही रह गया,
मंजिल की तलाश मैं भागता ही रह गया,
कुसूर मेरा इतना था दोस्तों,
सबका जरिया बना आगे जाने का, औऱ खुद के लिए बस, मैं रास्ता ही रह गया।
                                दिनेश जरिया
dineshkumar7090

Dinesh kumar

New Creator

जरिया