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तुम फिर आना... (अध्याय-1,भाग-04) मिसेज माथुर ने आज

तुम फिर आना...
(अध्याय-1,भाग-04)
मिसेज माथुर ने आज से पहले कभी भी अपने पोते अनन्त के साथ ऐसा बर्ताब नहीं किया था।परन्तु आज अनन्त पर उनके गुस्सा करने की सिर्फ और सिर्फ एक ही वजह थी वो वजह सिर्फ ये थी कि वो ये बिल्कुल भी नहीं चाहती थीं कि उनका इतने बर्षों का त्याग यूँ ही व्यर्थ न चला जाये।इस मतलब भरी दुनिया मे एक अकेली विधवा स्त्री का अपने साथ एक और ज़िन्दगी का गुजारा करना कितना मुश्किल होता है ये वे भलीभांति जानती थीं।मिस्टर माथुर और उनके बेटे और बहू के गुजरने के बाद उनकी माली हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि उन्हें पास में ही एक डांस स्कूल में डांस सिखाने के लिए नौकरी भी करनी पड़ी।पर ये काफी नहीं था।डांस स्कूल में मिलने वाली 3000 रुपये की तनख्वाह में उनका गुज़ारा करना बड़ा ही मुश्किल होता था।मगर उन्होंने बड़ी ही लगन और शालीनता के साथ अपना और अपने पोते अनन्त पेट पाला।जो स्थिति मिसेज माथुर की अब थी बैसी पहले बिल्कुल न थीं।एक बड़ा साइंटिस्ट होने के नाते मिस्टर माथुर के पास धन की कोई कमी न थी ।परन्तु एक दिन जब उन्हें एक ऐसी अद्भुत चीज की जानकारी हुई जो हमारी पौराणिक कथाओं से संबंध रखती थी।तो उन्होंने उसी दिन से अपने उसी प्रोजेक्ट पर काम करना शुरु कर दिया।उसमें आने वाला जितना भी ख़र्च होता था उसे वे खुद ही उठाते।मिस्टर माथुर का एक बेटा भी था आरब।उन्होंने आरब की पढ़ाई में भी बहुत सारा पैसा खर्च किया था ताकि वो उसे इस काबिल बना सकें ताकि बड़ा होकर वो भी उनके इस ड्रीम प्रोजेक्ट में उनकी मदद कर सके।

(To be Continue)

प्यारे दोस्तों!आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है,प्लीज कमेंट करके बताये।धन्यवाद।

©#sadDeepak1992
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