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White आप सभी को बसंत पंचमी पर्व की हार्दिक शुभका

White 

आप सभी को बसंत पंचमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।

               *भक्ति अंतस में जगा दो*

दूर कर अज्ञानता को, ज्ञान की ज्योति जला दो
ले शरण माँ शारदा, भक्ति अंतस में जगा दो

ज्ञान की देवी तुम्हीं,सुर साधकों की मीत हो
गूँजते हर कंठ का,माँ तुम्हीं तो संगीत हो
हाथ रख मेरे सर, माँ मेरा जीवन सजा दो
ले शरण माँ शारदा ,भक्ति अंतस में जगा दो

करुणा कर करुणामयी,हम सब बालक तुम्हारे 
छाया उर तमस घना, दिखते न हमको किनारे 
दे वर वरदायिनी, हम सब को काबिल बना दो
ले शरण माँ शारदा ,भक्ति अंतस में जगा दो

आपकी साधना माँ, करता सकल संसार है 
आपकी दया से सारी, सृष्टि में उजियार है 
भक्ति का वरदान दे ,प्रीत चरणों से लगा दो
ले शरण माँ शारदा, भक्ति अंतस में जगा दो

कर में सोहे वीणा,कमल आसन पे विराजे
शीश सोहे मुकुटमणि, श्वेतवस्त्र तन पे साजे
सुरों की सम्राज्ञी ,हमें भी माँ कुछ सुर सिखा दो 
ले शरण में शारदा, भक्ति अंतस में जगा दो

देव,मुनि,मानव, तेरी महिमा गाते सभी हैं 
ज्ञान प्राप्ति हेतु दर पे, सर झुकाते सभी हैं 
छेड़ वीणा के मधुर स्वर ,तान कोई सुना दो
ले शरण में शारदा, भक्ति अंतस में जगा दो

     स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम"
                           उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #बसंतपंचमी 
#holyfestival 
#poem
#Devotional  भक्ति गीत
White 

आप सभी को बसंत पंचमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।

               *भक्ति अंतस में जगा दो*

दूर कर अज्ञानता को, ज्ञान की ज्योति जला दो
ले शरण माँ शारदा, भक्ति अंतस में जगा दो

ज्ञान की देवी तुम्हीं,सुर साधकों की मीत हो
गूँजते हर कंठ का,माँ तुम्हीं तो संगीत हो
हाथ रख मेरे सर, माँ मेरा जीवन सजा दो
ले शरण माँ शारदा ,भक्ति अंतस में जगा दो

करुणा कर करुणामयी,हम सब बालक तुम्हारे 
छाया उर तमस घना, दिखते न हमको किनारे 
दे वर वरदायिनी, हम सब को काबिल बना दो
ले शरण माँ शारदा ,भक्ति अंतस में जगा दो

आपकी साधना माँ, करता सकल संसार है 
आपकी दया से सारी, सृष्टि में उजियार है 
भक्ति का वरदान दे ,प्रीत चरणों से लगा दो
ले शरण माँ शारदा, भक्ति अंतस में जगा दो

कर में सोहे वीणा,कमल आसन पे विराजे
शीश सोहे मुकुटमणि, श्वेतवस्त्र तन पे साजे
सुरों की सम्राज्ञी ,हमें भी माँ कुछ सुर सिखा दो 
ले शरण में शारदा, भक्ति अंतस में जगा दो

देव,मुनि,मानव, तेरी महिमा गाते सभी हैं 
ज्ञान प्राप्ति हेतु दर पे, सर झुकाते सभी हैं 
छेड़ वीणा के मधुर स्वर ,तान कोई सुना दो
ले शरण में शारदा, भक्ति अंतस में जगा दो

     स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम"
                           उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #बसंतपंचमी 
#holyfestival 
#poem
#Devotional  भक्ति गीत
ramjitiwari1532

Ramji Tiwari

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