आँखो में रखते हैं काजल कि तरह होंठों पे रखते है मुस्कान कि तरह आप जहाँ भी रहिये गा खुश रेहिये गा क्योंकि हम मानते हैं आप को भगवाण कि तरह बादल कुमार गुप्ता