हम क्षमता में होते तो लहूलुहान करते समाज सारा; काफिरों पर लगाए जिंदा रहने का जजिया हमारा। इतने नाजुक है की करवा दिया एक मुल्क का बटवारा; लगाए कोई हम पे आरोप, नाटक करेंगे बोहत सारा। हक है हमे जुल्म करने का, अत्याचार में मजे ढूंढने का; शालीनता का ज्ञान सिर्फ देते है, जान लोगो की लेते है। देखो किताबी और मजहबी एकता जैसे विलक्षण हमारा; घिनौना जुर्म करते हुए जुबान में रहता सिर्फ रब हमारा। #क्षमता #मजहब #yqdidi #yqbaba