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प्रिय, प्राणण के हो प्राण तुम, जीवन के वरदान हो,

प्रिय, 
प्राणण के हो प्राण तुम, जीवन के वरदान हो, 
पपीहे की हो कूक तुम, सागर सगल जहान हो। 

करुणा की हो मूरत ऐसे,दाता महादान हो, 
जल धारा हो अश्र की, तुम अखियन की जान हो।

©Senty Amarjit
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