किसी बिच्छु की तरह वो डंक मार जाती है, थोड़ा नशा तो थोड़ा ज़हर दे जाती है, अजीब खेल है ये कुदरत का कुछ समझ नही आता, पानी लिए रहता हूँ मैं आँखों में पर आग वो सीने में लगा जाती है। #ऐ_जानी