तुकबंदी ही करे जहां तो क्या? बातें आख़िर नुसरत हो गई इक गलती से गिर गया वो इंसा हजारो ख़ताओं के बाद भी ये कुदरत हो गई। इक गलती से गिर गया वो इंसा