तुम चली गयी हो.. फिर भी सताती हो.. ये कौनसी रस्म ए जुदाई निभाती हो.. अपनी यादे लेकर दिन में आया करो.. देर रात आती हो.. रातभर रुलाती हो.. #अक्षर #अक्षर