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वक्त की गर्दिश में दबकर खो गई शायद कहीं । अपनी ह



वक्त की गर्दिश में दबकर खो गई शायद कहीं ।
अपनी ही सूरत मुझे अब अजनबी लगने लगी ।
हद से ज्यादा रोशनी चुभने लगी जो आँख को ।
दिल को अब देती सुकूं ये तीरगी लगने लगी ।

©kavi Rajan Bhadauriya
  #गर्दिश  SHANU KI सरगम  kiran kee kalam se POOJA UDESHI pooja sharma Sudha Tripathi