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कुदरत की खूबसूरती को क्या बयां करूं, बस बनाने वाले

कुदरत की खूबसूरती को क्या बयां करूं,
बस बनाने वाले कारीगर की तारीफ़ करूं।

अद्वितीय, मनमोहक दृश्य,
पुलकित हो गया हृदय।

अवर्णीय ईश्वर की महिमा है,
यही तो अदृश्य शक्ति और गरिमा है।

कभी शांत तो कभी गंभीर,
देखकर प्रसन्नचित्त हो जाए मानव का शरीर।

लगता है अद्भुत आकृतियां
 किसी कारीगर ने बनाई हो,

उसने बनाने में जैसे सदियां बिताई हो।

आसमान में ये रूई सा गुबार,
जैसे छाई हो कोई बहार।

©Shishpal Chauhan
  #कुदरत का करिश्मा

#कुदरत का करिश्मा #कविता

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