जब वक़्त का सरमाया हमारी शह से चलता था तुम साये की तरह हमसे लिपटे रहा करते थे , जब मुफ़लिसी ने दस्तक दी हमारे चौखट पे वो तुम ही थे जिसने दस्तक भी न दी खुद के जाने की, हम गफ़लत में थे ये हमें तब समझ आया जब मोहब्बत जार जार हो के पलकों से बाहर आया, इक दौर था, जब तुम दरख़्तों से भी पेशानी पे पसीना देख लेते थे, पर जाते वक़्त तुमे आँसुओं का सैलाब न नज़र आया ।। #thirtyninthquote #hindi #urdu #life #broken #bewafa #mohabbat