आज भी एक चुटकी सिन्दूर मांग मे भरते ही अगले सात जन्मो के लिए साथ निभाने के वचन बन जाते हैँ कच्चे धागे की बनी रखियो से भाई बहिन के संबंध जीवन भर के लिए बंध जाते हैँ आधुनिकता के परिवेश मे विकासवाद के नाम पर कई रूपांतरण हो चुके हैँ और भविष्य मे भी संभावित हैँ किन्तु परंम्पराओ की ये पुरातन शैली अपनी परिपक्वता अभी तक खो नहीं पायी हैँ इसके चिर स्थायित्व पर मुझे पूरा यकीन हैँ आज भी और भविष्य मे भी बना रहेगा परम्पराओ का चिर स्थायित्व