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है,विडम्बना मानव-जीवन की, सत्य-अप्रिय हमें नहीं चा

है,विडम्बना मानव-जीवन की,
सत्य-अप्रिय हमें नहीं चाहिए;
मात-पिता और सखा को,
सत्य चाहिए,बस प्रिय चाहिए।

पालनहारों से सच कहने का,
साहस कभी कर नहीं पाते,
क्यूंकि,
वो अप्रिय सुनना नहीं चाहते।

आजीवन प्रिय साथी के समक्ष,
सत्य सही से रख नहीं पाते,
क्यूँकि
वो इसकी कटुता सहना नहीं जानते। है,विडम्बना मानव-जीवन की,
सत्य-अप्रिय हमें नहीं चाहिए;
मात-पिता और सखा को,
सत्य चाहिए,बस प्रिय चाहिए।
अप्रिय सत्य continues...
#yqdidi#truth#apriya satya#hindi#quotes
है,विडम्बना मानव-जीवन की,
सत्य-अप्रिय हमें नहीं चाहिए;
मात-पिता और सखा को,
सत्य चाहिए,बस प्रिय चाहिए।

पालनहारों से सच कहने का,
साहस कभी कर नहीं पाते,
क्यूंकि,
वो अप्रिय सुनना नहीं चाहते।

आजीवन प्रिय साथी के समक्ष,
सत्य सही से रख नहीं पाते,
क्यूँकि
वो इसकी कटुता सहना नहीं जानते। है,विडम्बना मानव-जीवन की,
सत्य-अप्रिय हमें नहीं चाहिए;
मात-पिता और सखा को,
सत्य चाहिए,बस प्रिय चाहिए।
अप्रिय सत्य continues...
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