मेरे दिल पर अब कोई बोझ नहीं है, अब मुझको किसी की खोज नहीं है, जो मिला ही नहीं, उसका खोना कैसा, जब खुशी कभी मिली ही नहीं,तो रोना कैसा, मैं खुद पर भी मुस्कुराना जानता हूं, मैं हर हाल में गुनगुनाना जानता हूं, हर रिश्ते की तह तक लगाई है डुबकी, हर इक गहराई में डूबना और तैरना जानता हूं। ©Harvinder Ahuja # तुम नहीं समझोगे