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खूब किया शोषण मेरा ,मैंने जीवन दान दिया विष को धार

खूब किया शोषण मेरा ,मैंने जीवन दान दिया
विष को धार्य किया उर में ,तुमको जीवन दान दिया
सहनशीलता की आखिर मेरी भी सीमारेखा है
आच्छादित कर दो वन वृक्षों से कल  किसने देखा है #पृथ्वी माँ
खूब किया शोषण मेरा ,मैंने जीवन दान दिया
विष को धार्य किया उर में ,तुमको जीवन दान दिया
सहनशीलता की आखिर मेरी भी सीमारेखा है
आच्छादित कर दो वन वृक्षों से कल  किसने देखा है #पृथ्वी माँ