हश्र मेरी शायरी का यूँ न कर, चर्चा मेरे इश्क़ का सरेआम यूँ न कर, लिखता हूँ वहीं जो तूने सिखाया है ऐसा कर के तू खुद को बदनाम न कर... #Shayari #badnam #बदनाम #ishq #इश्क