धडक धडक जब तेरा दिल धडकता है वो मेरी नहीं सुनता बस अपनी कहता है मुझे ऐसा लगता है जैसे तेरी आँखो के पैमानों से कोई जाम छलकता है कुछ तू अपनी कह दे कुछ मैं अपनी कह दूँ खुशियों की गागर हो या हो गम का सागर जो छलक कर बहता है प्यार की तमन्नाओ में वो बस जिन्दा रहता है तेरे गम के सागर को पी जाऊँ मेरा दिल ये कहता है धडक धडक जब तेरा दिल धडकता है वो मेरी नहीं सुनता बस अपनी कहता है ©Mukesh Tyagi धडक धडक जब तेरा दिल धडकता है #YouNme