Nojoto: Largest Storytelling Platform

रातें किसी की याद में कटती है दिन भी दफ्तर ही खा ज

रातें किसी की याद में कटती है
दिन भी दफ्तर ही खा जाता है
कुछ देर ही गहरी नींद तो हो
फिर शुरू ये दिन हो जाता है 

 मन सोच विचार में लगा ही रहता
कुछ ना कुछ हां भी हो जाता है
एक ही पड़ाव बस पड़ता स्वप्न का
फिर शुरू ये दिन हो जाता है

गांव समाज सभी मित्र है बिछड़े
जिन्हे सोच के ही मन भर जाता है
बचपना बीत गई तो बड़े हो गए है
ये मानव क्षण भर में ही मर जाता है

कुछ ख्वाब सहेजे कुछ बिछड़ गए
एक लक्ष्य को ऐसे कोई पा जाता है
एक अरसे के बाद सोचा मुस्कुरा लूं
 ये मौत का भी डर खा जाता है

रातें किसी की याद में कटती है
दिन भी दफ्तर ही खा जाता है
कुछ देर ही गहरी नींद तो हो
फिर शुरू ये दिन हो जाता है

©कुमार दीपेन्द्र #MomentOfTime #Life #SAD #follow
रातें किसी की याद में कटती है
दिन भी दफ्तर ही खा जाता है
कुछ देर ही गहरी नींद तो हो
फिर शुरू ये दिन हो जाता है 

 मन सोच विचार में लगा ही रहता
कुछ ना कुछ हां भी हो जाता है
एक ही पड़ाव बस पड़ता स्वप्न का
फिर शुरू ये दिन हो जाता है

गांव समाज सभी मित्र है बिछड़े
जिन्हे सोच के ही मन भर जाता है
बचपना बीत गई तो बड़े हो गए है
ये मानव क्षण भर में ही मर जाता है

कुछ ख्वाब सहेजे कुछ बिछड़ गए
एक लक्ष्य को ऐसे कोई पा जाता है
एक अरसे के बाद सोचा मुस्कुरा लूं
 ये मौत का भी डर खा जाता है

रातें किसी की याद में कटती है
दिन भी दफ्तर ही खा जाता है
कुछ देर ही गहरी नींद तो हो
फिर शुरू ये दिन हो जाता है

©कुमार दीपेन्द्र #MomentOfTime #Life #SAD #follow