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deependrajha9423
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कुमार दीपेन्द्र

कलम से क्रांति लाना मेरा प्रथम उद्देश्य 🤟🙏💖

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कुमार दीपेन्द्र

White जान कहने से कोई जान नहीं होता
कोई कह भी ले तो नुकसान नहीं होता
ये तो मैं हूँ जिसे छोड़ दिया तो छोड़ दिया 
इस मोड़ पर ये फैसला इतना आसान नहीं होता

©कुमार दीपेन्द्र #love_shayari
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कुमार दीपेन्द्र

मोहब्बत भी दोस्ती में ऐसे मतभेद करता है 
जिस थाली में खाएं उसी में छेद करता है
मोहब्बत दोस्ती में अक्सर दरार डालती है
जरा सी बात पर संबंध में विच्छेद करता है

©कुमार दीपेन्द्र  'लव स्टोरीज' शायरी लव रोमांटिक 2 line खतरनाक लव स्टोरी शायरी शायरी लव रोमांटिक

'लव स्टोरीज' शायरी लव रोमांटिक 2 line खतरनाक लव स्टोरी शायरी शायरी लव रोमांटिक

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कुमार दीपेन्द्र

White कम से कम जाते हुए मुझसे निगाहें ना बदल 
कल को तुम्हें मुझसे कुछ काम भी पड़ सकता है
और दर्द तो तय है मेरे साथ ही जाएगा 
तुम चले आओ तो आराम भी पड़ सकता है
और तुम तो बात बात में कह देते हो पागल मुझको
रफ्ता रफ्ता ये मेरा नाम भी पड़ सकता है

©कुमार दीपेन्द्र #love_shayari  Extraterrestrial life Hinduism शेरो शायरी Aaj Ka Panchang

#love_shayari Extraterrestrial life Hinduism शेरो शायरी Aaj Ka Panchang

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कुमार दीपेन्द्र

अब किसमें कितनी बची हिम्मत 
चलो फिर से आजमाते है 
हथियार तो बस चुभन देगी आखिर
दर्द के लिए फिर से लेखनी उठाते है 
बोल देते है कुछ शब्द मगर बेअसर होगा 
कुछ ही अल्फाज है जो लिखकर दिखाते है 
दर्द के लिए फिर से लेखनी उठाते है

©कुमार दीपेन्द्र #Independence2021
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कुमार दीपेन्द्र

White बहुत से किस्से है मन में 
मन अंतर्द्वंद्व से घिरा हुआ 
मैं नैन गराए बैठा नभ की ओर 
सोच साहस धरा पर गिरा हुआ 
मैं उठ जाऊं या फिर बैठूं 
है व्योम में ये मन आजकल पड़ा हुआ 
मैं भी खुद को खुश कर लूं आखिर 
मन है अंतर्द्वंद्व से घिरा हुआ

©कुमार दीपेन्द्र #bike_wale
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कुमार दीपेन्द्र

White मेरी आखिरी मोहब्बत की 
आखिरी निशानी हो तुम 
किसी गुजरे हुए कल की 
बीती हुई कहानी हो तुम 
अपने ही कुछ ख्वाब तोड़ देता हूं आजकल 
टूटे ख्वाब में भी उलझे ऐसी रवानी हो तुम

©कुमार दीपेन्द्र #love_shayari
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कुमार दीपेन्द्र

बीते समय से आधुनिक का दौर 
युग कौतूहल को सम्मान दे रही है 
होटलों पर देख पुरुषों की भीड़ भी 
शिक्षित महिला का प्रमाण दे रही है 

इंतजार है बेबाक सा द्वंद युद्ध का भी 
मौन होना जीत का फरमान दे रही है 
दफ्तरों से निकलते महिलाओं का झुण्ड 
शिक्षित समाज का ये प्रमाण दे रही है 

किसी श्वेत पत्र पर लिखना भी होगा 
लेखनी भी उड़ने का अरमान दे रही है 
देवी पूजन सर्वप्रथम हो समाज में अब 
शिक्षित समाज को ये अभिमान दे रही है 

विमानों को उड़ाते मेरे समाज की बेटी
 तभी महिला सपनों को उड़ान दे रही है 
होटलों पर देख पुरुषों की भीड़ भी 
शिक्षित महिला का प्रमाण दे रही है ।।

©कुमार दीपेन्द्र #Woman #girl
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कुमार दीपेन्द्र

रातें किसी की याद में कटती है
दिन भी दफ्तर ही खा जाता है
कुछ देर ही गहरी नींद तो हो
फिर शुरू ये दिन हो जाता है 

 मन सोच विचार में लगा ही रहता
कुछ ना कुछ हां भी हो जाता है
एक ही पड़ाव बस पड़ता स्वप्न का
फिर शुरू ये दिन हो जाता है

गांव समाज सभी मित्र है बिछड़े
जिन्हे सोच के ही मन भर जाता है
बचपना बीत गई तो बड़े हो गए है
ये मानव क्षण भर में ही मर जाता है

कुछ ख्वाब सहेजे कुछ बिछड़ गए
एक लक्ष्य को ऐसे कोई पा जाता है
एक अरसे के बाद सोचा मुस्कुरा लूं
 ये मौत का भी डर खा जाता है

रातें किसी की याद में कटती है
दिन भी दफ्तर ही खा जाता है
कुछ देर ही गहरी नींद तो हो
फिर शुरू ये दिन हो जाता है

©कुमार दीपेन्द्र #MomentOfTime #Life #SAD #follow
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कुमार दीपेन्द्र

एक वैरागी को अध्ययन करो तुम
जीवन रस को स्मरण करो तुम
ए कन्या के हठ को पूर्ण करने
वैरागी से चला एक मानव बनने
प्रेम की परिकाष्ठा में सम्मलित होने
मुख से अपने वियोग का विष पीने 
पने शेखर पर चंद्र पुष्प को खिलने 
 एक वैरागी चला प्रीतम से मिलने

भ्रम कुछ ऐसा हुआ कालिख आंचल में
प्रेरित मन बैठ गया माया संकुचन में
महाकाल के करुण स्वर की प्रहरिया
विपन्न प्रेम मां सती के अभिमान हुए
देवों के देव महादेव महाकाल मेरे
प्रेम मां सती के कारण देख लो
 महादेव हमारे ईष्ट से इंसान हुए……


महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं 🙏🙏

©कुमार दीपेन्द्र #mahashivaratri
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कुमार दीपेन्द्र

काश कभी तो ऐसा हो
तुम भी मेरे जैसा हो
मैं भी खुद को महसूस करूं
तुम भी पूछो कभी कैसा हो
काश कभी तो ऐसा हो
तुम भी मेरे जैसा हो

©कुमार दीपेन्द्र #snowpark
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