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​नदी, ​जिसने बहना छोड़, ​रेगिस्तान होना स्वीकार किय

​नदी,
​जिसने बहना छोड़,
​रेगिस्तान होना स्वीकार किया,
​पीहर पर्वत की,
​गोद से ​बिछड़,
​सागर के बड़े घराने,
​ब्याही गयी वो,
​भाषाओं मे,
​बहने का अनुभव नही था,
​पास उसके,
उसकी,
भावनाओं के पर्यायवाची,
​विलोम हो गए,
​ #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे 

#डेढ़_आखर_स्त्री

नदी,
​जिसने बहना छोड़,
​रेगिस्तान होना स्वीकार किया,
​पीहर पर्वत की,
​नदी,
​जिसने बहना छोड़,
​रेगिस्तान होना स्वीकार किया,
​पीहर पर्वत की,
​गोद से ​बिछड़,
​सागर के बड़े घराने,
​ब्याही गयी वो,
​भाषाओं मे,
​बहने का अनुभव नही था,
​पास उसके,
उसकी,
भावनाओं के पर्यायवाची,
​विलोम हो गए,
​ #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे 

#डेढ़_आखर_स्त्री

नदी,
​जिसने बहना छोड़,
​रेगिस्तान होना स्वीकार किया,
​पीहर पर्वत की,
akalfaaz9449

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#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #डेढ़_आखर_स्त्री नदी, ​जिसने बहना छोड़, ​रेगिस्तान होना स्वीकार किया, ​पीहर पर्वत की, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes