Nojoto: Largest Storytelling Platform

पर्वतो से उतर कर. वो नदी चल पढ़ी थी सागर से मिलन

पर्वतो से उतर कर.
वो नदी  चल पढ़ी  थी
सागर  से मिलने.
पर कहा पता  था उसे
कि  वो  डेल्टो के जंगल मे
भटक कर  बिखर जायेगी
और हाथ  धि बैठेगी.
अपने  अस्तित्व से

©Parasram Arora
   अस्तित्व

अस्तित्व #कविता

105 Views