वक़्त जैसे थम सा गया था हवा भी जैसे मानो मन्द सी पड़ गई थी, मन्द मन्द बहती उन सागर की लहरों में उस मखमले चाँद की किरणों की क्रीड़ा हृदय को पुलकित कर रही थी। सागर की उन लहरों की तरंगों की मधुर सी कलकल करती हुई ध्वनि मानो खुद के भीतर समाये हुए सारे राज़ बता रही थी। चाँद की उस मधुर रोशनी में उसकी खूबसूरती का रसपान करते हुए चकोर पंछियों की जोड़ी एक सुनहरे भविष्य की आस जगा रही थी। मन्द मन्द बहती वो शीतल सी पवन मानो कि नए दिन का कोई सुहाना सा पैग़ाम ले कर आई थी, मानो तुम्हारे और मेरे मिलन की आस को नया सा जीवन देने आई थी। ©_.areshuklaji._ "मिलन की आस" A Hope to Meet #love #hope #meeting #moonlight #DusktillDawn