दिन दिन दूभर हो रही दीन को गुजर बसर ! हज़ारों के जुर्माने सहित कुचले बुलडोज़र !! अति धनी माल्या पे सर्वोच्च जुर्माना दुई हजार । मनरेगा मजदूरो पर कहीं लाख कहीं कई हजार ।। घर जर्जर जिनमें बसे बाप दादा के काल से । सरकारी सुविधाएं भी दी जाती रही चिरकाल से ।। वोट मांगने नेताजी भी आत रहे इन्हीं घरों में । अब अचानक तोडे सारे, फरमान जुर्माना भी भरो रे ।। सब्जी बेच मनरेगा में काम कर दाम कछु बचे ना । कैसे कमाये, क्या खाएं, जुर्माने को भरें क्या ।। जनकल्याणकारी राष्ट्र संविधान लिखे तक ही है । हक़ीक़त में धनाढ्य कल्याण पर नीतियां चली है ।। #aaveshvaani #janmannkibaat #public #janhitkiramayan