Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best JanhitKiRamayan Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best JanhitKiRamayan Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about janhit mein jaari meaning, janhit mein jaari cast, janhit mein jaari, janhit me jari in english, janhit pan card,

  • 2 Followers
  • 124 Stories
    PopularLatestVideo

Ashok Mangal

आज-कल की ख़बरों की ख़बर 

दिनों दिन बढ़ रहा व्यसन हिंसा व्याभिचार !
दिनों दिन अस्मिताएं हुई जा रही तार तार !!

शिक्षा चिकित्सा न्याय में है अपार भ्रष्टाचार !
इनसे ज्यादा दुखदायी हुई मंहगाई की मार !!

जल विद्युत सड़क निजी से जनहित नोंच रहे !
मानव मल बहुतांश पवित्र नदियों में छोड़ रहे !!

शहरों की प्रदूषित हवा साँसों में भर रही ज़हर !
आज़ादी के मालिकों पे सत्ता बरसा रही क़हर !!

सड़कें बनी वाहनतल, फुटपातों पे सजे बजार !
छुटभैये नेताओं का है ये साझेदारी का व्यापार !!

वृक्षसंवर्धन वनीकरण काग़ज़ों तक ही सीमित है !
कटे वृक्ष, घटी वनराई पग पग पल पल दर्शित है !!

वनीकरण आरक्षण से जमीनों को हथियाया जाता !
कानूनी मुआवजे से भी सत्ता हुक्मरान मुँह चुराता !!

मतदान अधिकारों की भी सरेआम जला रहे होली !
इवीएम के बाद अब मत पेटियां भी चुपचाप खोली !!

मणिपुर की वीभत्स घटनायें राजनीति का हुई शिकार !
परिस्थितियां बिगाड़ने वालों की सत्ता अब भी बरकरार !!

संपत्तियां बनाने बेचने का जनप्रतिनिधियों को अधिकार !
दोनों में अपार भ्रष्टाचार के कारण जनहित पे है ये प्रहार !!

जनहित प्रहरियों को डरा धमका के चुप कराया जा रहा !
झूठों, चाटुकारों को, पग पग पल पल, पनपाया जा रहा !!

गरीबी बढ़ रही मध्यम वर्ग पे भी मंडराते गरीबी के बादल !
रोजी-रोटी के बग़ैर छटेंगे ही नहीं घोर अपराधों के बादल !!

- आवेश हिंदुस्तानी 30.11.2023

©Ashok Mangal #AaveshVaani 
#JanMannKiBaat 
#KhabronKiKhabar 
#JanhitKiRamayan 
#janhit

Ashok Mangal


खिलौने खेलने की उम्र में, 
कमसिनों को खिलौना समझ, 
घिनौने खेल खेलते हैं ।
गाँधी के देश में, 
राम को भुला रावण रूप धर,
रावण से बुरे कर्म करने से न डरते हैं ।।

अक्सर देखा जा रहा,
हुक्मरानों से रसूखदारी तहत,
सजा से बच ही जाते हैं ।
कभी-कभी तो 
जुर्म की पुनरावृत्ति तक से 
बाज नहीं आते हैं ।।

लोकतंत्र में सचेतक पत्रकार,
उन्हीं की बीन पर मंत्र मुग्ध हो,
रोज उन्हीं के गीत गाते देखे जाते हैं ।
न्यायपालिका में भी अब सारे 
दूध के धुले नहीं, 
घुले मिले नजर आते हैं ।।
हे राम... Image credit : google
#aaveshvaani
#janmannkibaat
#janhitkiramayan
#rape #rape_a_shame
#rapevictim

Ashok Mangal

हे राम... #rakhi #aaveshvaani #janhitkiramayan 
#janmannkibaat

Ashok Mangal

जनहक अब अपहृत है, जन में भ्रम पसरत है । एक आध कहीं आवाज़ उठे, उस पर क़हर बरसत है ।। रोज़गार घटत जात है, मँहगाई बढ़त जात है । बचत हो ही न पात है, #yqhindi #yqreality #AaveshVaani #JanMannKiBaat #JanhitKiRamayan

read more
विपक्ष जन की चाहत है,
बार बार हार जावत है ।
आपस में लड़ना भिड़ना,
इनको सदा हरावत है ।।

साम दाम दण्ड़ भेद,
राजनीति के है हथियार ।
इनसे निपट सकने में भी,
विपक्ष सक्षम नहीं है यार ।।

प्रचार प्रसार बिन जनजागृति,
सम्भव ही नहीं दिखती है ।
पत्रकारों की ज़मातें तो,
विपक्ष की नहीं सुनती है ।।

( शेष अनुशेष में पढ़िए ) जनहक अब अपहृत है,
जन में भ्रम पसरत है ।
एक आध कहीं आवाज़ उठे,
उस पर क़हर बरसत है ।।

रोज़गार घटत जात है,
मँहगाई बढ़त जात है ।
बचत हो ही न पात है,

Ashok Mangal

जनहित की रामायण - 85

पर्यावरण रक्षण के गीत गाये जाते,
समय समय पर कानून भी बनाते ।
कानून पर अमल होता नहीं के बराबर,
नतीजतन हम प्रदूषण बढ़ाते जाते ।।

एक एक बिस्कुट भी अलग प्लास्टिक में,
बड़ी कंपनियों क्यूँ कानून को तिलांजलि दें ।
कंपनी बंद करने का गर दिया जाय आदेश,
क्यूँ ना उनके बैंक खाते अविलंब बंद कर दें ।।

एक दिन में, दिन में दिखने लगेंगे तारे,
नानी याद आने के भी दिखेंगे नजारे ।
आनन-फानन में अमल होगा यशस्वी,
घुटनों पे आयेंगे पर्यावरण दुश्मन सारे ।।

माना सरकार के पास कर्मियों की है कमी,
देश में बेरोजगारों की नहीं कोई कमी ।
सिर्फ़ दंड वसूली राशि का दें 20 प्रतिशत,
एक दिन में दोषियों की आंखों में दिखेगी नमी ।।

जनता से भी है अनुरोध, रक्खें पर्यावरण का बोध ।
कैंसर से जूझ रहे कई,आखिर कब आयेगा हमें होश ।। #environment #pollution #pollutionfree  #plastic 
#aaveshvaani #janmannkibaat #JanhitKiRamayan

Ashok Mangal

जनहित की रामायण - 84

नफे नुक़सान के संस्थान बेच दें,
खरीदने वाले जो कर्ज़ भी हम दें ।
ना चूके कर्ज़ तो माफ़ भी कर दें,
जनता की बैंक जमा साफ़ कर दें ।।

आवाज़ उठाने वाले की आवाज़ बंद,
नजर रखने वालों से नज़रे चार कर ।
साम दाम दंड भेद सबका सही इस्तेमाल ,
धर्म ध्यान में जन जनार्दन उलझा कर ।।

भावनाएं भड़काने का हुनर,
लोगों को लड़ाने का हुनर ।
डराने धमकाने का हुनर,
सब कुछ हड़प जाने का हुनर ।।

कम दाम पर बिक्री, करों में भी छूट,
कर्मियों को घर बिठाने की भी छूट ।
ताली थाली बजवाकर जनता से,
सारे आम जारी चहूँ ओर ही लूट ।।
हे राम.. #aaveshvaani #politics #politicsinindia #JanhitKiRamayan #janmannkibaat

Ashok Mangal

दिन दिन दूभर हो रही दीन को गुजर बसर !
हज़ारों के जुर्माने सहित कुचले बुलडोज़र !!

अति धनी माल्या पे सर्वोच्च जुर्माना दुई हजार ।
मनरेगा मजदूरो पर कहीं लाख कहीं कई हजार ।।

घर जर्जर जिनमें बसे बाप दादा के काल से ।
सरकारी सुविधाएं भी दी जाती रही चिरकाल से ।।

वोट मांगने नेताजी भी आत रहे इन्हीं घरों में ।
अब अचानक तोडे सारे, फरमान जुर्माना भी भरो रे ।।

सब्जी बेच मनरेगा में काम कर दाम कछु बचे ना ।
कैसे कमाये, क्या खाएं, जुर्माने को भरें क्या ।।

जनकल्याणकारी राष्ट्र संविधान लिखे तक ही है ।
हक़ीक़त में धनाढ्य कल्याण पर नीतियां चली है ।। #aaveshvaani #janmannkibaat #public 
#janhitkiramayan

Ashok Mangal

बैंक जमा सुरक्षितता सीमा अब पाँच लाख रुपये मात्र ! आप कितना भी बचा पाओ, पांच लाख के ही हो पात्र !! छोटी मोटी एक बीमारी, सारी रक़म खा जायेगी ! लाखों की तादाद में जनता, भूखी नंगी हो जायेगी !! ताली थाली सीख चुकी है, दिन भर वही बजायेगी ! मांग के खाने राजी होगी, भीख नहीं मिल पायेगी !! #AaveshVaani #JanMannKiBaat #JanhitKiRamayan

read more
लूटी गई सैंकड़ों बार, 
अब भी लूटी जा रही लगातार !
सोने की चिड़िया कहलाती थी, 
अब कर्ज़ अपरंपार !!

सोने की लंका की लग गई लंका, 
लोग लगा रहे आग !
सत्ताधीश कुछ तो भगा दिये, 
कुछ खुद ही रहे भाग !!

चिड़िया जो सोने की थी, 
अपार कर्ज़ में धंसी है !
चंद घरानों के गलियारों में, 
हर बैंक की रकम फंसी है !!

बैंक जमा के अलावा,
कर्ज़ लेने देने पर रोक !
जायज रक़म हरेक ने, 
बैंक में ही देनी झोंक !!
( ....अनुशेष अनुशीर्षक में ) बैंक जमा सुरक्षितता सीमा अब पाँच लाख रुपये मात्र !
आप कितना भी बचा पाओ, पांच लाख के ही हो पात्र !!

छोटी मोटी एक बीमारी, सारी रक़म खा जायेगी !
लाखों की तादाद में जनता, भूखी नंगी हो जायेगी !!

ताली थाली सीख चुकी है, दिन भर वही बजायेगी !
मांग के खाने राजी होगी, भीख नहीं मिल पायेगी !!

Ashok Mangal

जनहित की रामायण - 82

जीएसटी 'कर' की दरें है ज्यादा ! बदलें गर हम 'कर' होगा आधा !!
तीन चौथाई भरा नहीं जाता ! जन जन का नेक नहीं इरादा !!

जनकोष में आये एक चौथाई ! फिर 'कर' दर कम कैसे हो भाई !
क्या तीन चौथाई चोरी रुकेगी, हाँ, जब हमरी प्रवृत्ति बदलेगी !!

बड़े फुटकर विक्रेता का होता सवाल, क्या जीएसटी की ग्राहक को दरकार !
बग़ैर जीएसटी धड़ल्ले से करत व्यापार, कर्मी की कमी का रोना रोये सरकार !!

कलम दे रही सही कई सुझाव, मिटेगा सभी सांचों का तनाव !
प्रवृत्ति बदलें हम 'कर' सही भरें, देश विकास से हो सबका लगाव !!

मानसिकता से बदलेगा कुछ न कुछ, दंड से बदल सकता बहुत कुछ !
चोरी उजागरण में ईनाम करें घोषित, घोषित हो तो करें दिनरात प्रचारित !! #janhitkiramayan #janmannkibaat #aaveshvaani 
#yqdidi #yqrestzone #yqrz

Ashok Mangal

Image credit: 'times of India' and 'Nozoto' #JanhitKiRamayan #JanMannKiBaat #AaveshVaani

read more
न्याय में देरी !! Image credit: 'times of India' and 'Nozoto'
#janhitkiramayan #janmannkibaat #aaveshvaani
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile