रोशनी रोशनी हर अंधेरे में दिखाती है माँ, हर राह पर चलना सिखाती है माँ, खुद भूखी रहकर हमें खाना खिलाती है माँ, खुद रोयेगी पर हमें हंसाती है माँ, नहीं दूसरा कोई माँ के जैसा, ममता हम पर लुटाती है माँ, रोशनी हर अंधेरे में दिखाती है माँ, मेरा कलम#मेरा विचार माँ के लिए