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साल 2002 की जून महीने की बात.. सुबह के 9 बजे थे और

साल 2002 की जून महीने की बात..
सुबह के 9 बजे थे और रिमझिम बारिश शुरू हुई थी
..तभी....अचानक..
(Read in caption) आज भी रोंगटे खड़े होते है जब भी वो मंजर याद आता है...
#रिमझिम
साल २००२ की बात है,मैं भिवंडी में कपड़ा कंपनी विनायक डाईंग में काम करता था|
रोज की तरह सुबह में 9:00 बजे काम पर गया और आधे घंटे बाद 9:30 बजे के करीब चाय पीने के लिए कंपनी से दो-चार मिनट की दूरी पर एक होटल में चाय पीने गया|
मेरे साथ मेरा एक दोस्त भी था,
अलग है सा कुछ भी ना था उस दिन सब कुछ सरल था,गाड़ियों की यातायात भी चल रही थी|बारिश भी नहीं हो रही थी जब की मौसम बरसात का था|
जब हम चाय पीने होटल में बैठे तब,होटल जो की कामवारी नदी के किनारे में नदीनाका इलाके में था| हम चाय पी रहे थे तभी अचानक होटल में हमारे पैर के नीचे हमें पानी नजर आया| हम हैरान परेशान पानी कहां से आया बारिश तो नहीं हो रही थी फिर बाहर नजर डाली तो गाड़ी अभी सामान्य रूप से चल रही थी|
पानी बढ़ता ही जा रहा था इसलिए हम लोग होटल के बाहर आए देखा तो बाहर पानी पानी दिख रहा था|सब हैरान-परेशान क्योंकि यह घटना घट रही थी वह महामार्ग था,हम होटल के बाहर आकर देखे तो बाजू में जो नदी थी उसमें पानी का बहाव कुछ ज्यादा ही दिख रहा था|
साल 2002 की जून महीने की बात..
सुबह के 9 बजे थे और रिमझिम बारिश शुरू हुई थी
..तभी....अचानक..
(Read in caption) आज भी रोंगटे खड़े होते है जब भी वो मंजर याद आता है...
#रिमझिम
साल २००२ की बात है,मैं भिवंडी में कपड़ा कंपनी विनायक डाईंग में काम करता था|
रोज की तरह सुबह में 9:00 बजे काम पर गया और आधे घंटे बाद 9:30 बजे के करीब चाय पीने के लिए कंपनी से दो-चार मिनट की दूरी पर एक होटल में चाय पीने गया|
मेरे साथ मेरा एक दोस्त भी था,
अलग है सा कुछ भी ना था उस दिन सब कुछ सरल था,गाड़ियों की यातायात भी चल रही थी|बारिश भी नहीं हो रही थी जब की मौसम बरसात का था|
जब हम चाय पीने होटल में बैठे तब,होटल जो की कामवारी नदी के किनारे में नदीनाका इलाके में था| हम चाय पी रहे थे तभी अचानक होटल में हमारे पैर के नीचे हमें पानी नजर आया| हम हैरान परेशान पानी कहां से आया बारिश तो नहीं हो रही थी फिर बाहर नजर डाली तो गाड़ी अभी सामान्य रूप से चल रही थी|
पानी बढ़ता ही जा रहा था इसलिए हम लोग होटल के बाहर आए देखा तो बाहर पानी पानी दिख रहा था|सब हैरान-परेशान क्योंकि यह घटना घट रही थी वह महामार्ग था,हम होटल के बाहर आकर देखे तो बाजू में जो नदी थी उसमें पानी का बहाव कुछ ज्यादा ही दिख रहा था|