आज चांद की नज़ाकत में है दर्द ए इश्क़ का मेल.... ग़म के पयाले में नशा इश्क़ देख..... जाम लगा कर भी सुकून अधूरा है "उस "रात के अश्कों का कर्ज़ कहा पूरा है अंकों के ख़ज़ाने को जकड़ ले कोई, की बन ना जाए जख्म उम्र भर का ये।। लौट कर आए आज महफ़िल में तारे सभी ।।। पूछा ,, क्या हाल आज भी वैसा मेरे दिल कहा है........... #सपने# १० अप्रैल