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मुद्दतों बाद वो बात मुझे याद आई। जिसने बदले थे हा

मुद्दतों बाद वो बात मुझे याद आई। 
जिसने बदले थे हालत मुझे याद आई।। 
तुम हुए हम से जुदा हम से रूठा था खुदा। 
अपनी वो पहली मुलाकात मुझे याद आई।। 
बाद उसके अपनी न  कहीं कोई मुलाकात हुई । 
हां तसब्बुर में  हमारे मिलन की रात आई।। 
तुमको कुछ याद भी है मालूम नहीं कैसे कहें। 
हम तो चर्चा तेरा करते हैं जब भी बात आई।। 
तुम भुला दो हमें है अख्तियार तुम्हें तुम मुहब्बत हो। 
हम न भूलेंगे राहों में  कभी तुम भी अपने  साथ आई
है दिल में आज भी तसब्बुर्  किसी का तो उनका। 
न उनके बाद कसम से मुहब्बत किसी से रास आई।।

©Aashutosh Aman.
  #uski_yaad