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कल नौ देवी,मेरे सपनों में आई। कुछ गुस्से में थी,तो

कल नौ देवी,मेरे सपनों में आई।
कुछ गुस्से में थी,तो कुछ
चुपचाप सी।
मुझसे बोली-"सच में भक्ति है तो
अपने अंदर के,पुरूषो से
वचन ले।
नही करेगे ,नारी अत्याचार।
चढाना है भोग मुझे,तो बस
औरत होकर,औरत के साथ ना 
करना अत्याचार।
बस सभी देवी मुझे भक्ति का
असली मतलब समझा गई
मेरी नवरात्रि,एक रात्रि में ही
सफल हो गयी।

©नीता चौधरी
  #कविताये #एक सीख,