बचपन में बोए जो संस्कार के बीज, जिन्हें खून - पसीने से सींचा है । आज सालों बाद उस बंजर धरती में, एक परोपकार का अंकुर फूटा है। फैला कर अपनी लम्बी शाखा, तुम एक विशाल वृक्ष बन जाओ। अब खिला कर सारे सुंदर सुमन , तुम फिर से इस जग को महकाओ । #dr_naveen_prajapati #शून्य_से_शून्य_तक #lifequotes #lifethoughts #inspirational #inspiringthoughts