White एक समंदर मेरे अंदर, जज़्बातों का है बवंडर, फिर भी मेरे होठो के अंदर, डर लगता है देखकर वर्तमान का मंजर, कहीं भविष्य पर न लग जाए कोई खंजर, चलना होगा हर कदम बहुत संंवर कर, तभी शायद मेरे प्रयास का परिणाम होगा सुंदर। ©Supriya Jha # एक समंदर मेरे अंदर