White - कुण्डलिया - नारी की फिर से यहाँ, लुटी जा रही लाज। हे केशव आ जाइए, एक बार फिर आज।। एक बार फिर आज, मौन हैं सत्ताधारी। कौन बचाए लाज, आप बिन कृष्ण मुरारी।। हुए आज बेखौफ, देश में अत्याचारी। हे गिरधर गोपाल, पुनः संकट में नारी।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava #Krishna कविताएं कविता कोश कविताएं