छुट्टी हो गई स्कूल की, चलो खुशियाँ खूब मनाएँ, दादा दादी के घर छोड़कर, चँदा मामा के घर जाएँ। आँख मिचौली के खेल में, तारों को संग में ले लेंगे, छुपी छुपाई, गिल्ली डंडा, हम चोर सिपाही खेलेंगे। जल्दी ही दिन बीत गये, वापस घर भी जाना है, सबक भी याद करनी है, होमवर्क भी बनाना है। 😊बचपन सभी को प्यारा लगता हैI 😊चलो आज उस बचपन को जी लेते हैं, फिर से एक बार I 😊तो देर किस बात की है I 😊 सजा दो इस पृष्ठभूमि को अपनी कल्पनाओं सेI कैप्शन ध्यानपूर्वक पढ़ें .आप सभी का काव्य संग्रह मंच पर स्वागत है।