पास है मेरे ये नम आँखे कंपकंपाते होंठ हाथों में चाय और ये ढलती हुई शाम, है तलाश अब मुझे किसी अपने की जो कर दे अपने चंद लम्हें मेरे नाम।। #post116 #चायकीचुस्की