Nojoto: Largest Storytelling Platform

अब पत्थरों को भी पिघलना चाहिए। नारी को भी बाहर निक

अब पत्थरों को भी पिघलना चाहिए।
नारी को भी बाहर निकलना चाहिए।

हुनर की कोई कमी नहीं है इनमें भी,
बस इनको भी हमें समझना चाहिए।

वारिस ही सब कुछ होता नहीं यहां,
कोख में बेटी को भी पलना चाहिए।

अब देश की गरीबी मिटाना है हमें,
तो पुराने सिक्के को भी चलना चाहिए।

अगर मुसीबत में है नारी कोई तो
गूंगे को भी अदालत में बोलना चाहिए।

नारी भी पुरुषों से कम नहीं है यहां,
अब सबको अपना हक मिलना चाहिए।

संजय कुशेकर

©sanjay kushekar #messegeofday
अब पत्थरों को भी पिघलना चाहिए।
नारी को भी बाहर निकलना चाहिए।

हुनर की कोई कमी नहीं है इनमें भी,
बस इनको भी हमें समझना चाहिए।

वारिस ही सब कुछ होता नहीं यहां,
कोख में बेटी को भी पलना चाहिए।

अब देश की गरीबी मिटाना है हमें,
तो पुराने सिक्के को भी चलना चाहिए।

अगर मुसीबत में है नारी कोई तो
गूंगे को भी अदालत में बोलना चाहिए।

नारी भी पुरुषों से कम नहीं है यहां,
अब सबको अपना हक मिलना चाहिए।

संजय कुशेकर

©sanjay kushekar #messegeofday